चंदी बटण ,भैजी कुर्ती कौलर मा,



चंदी बटण ,भैजी कुर्ती कौलर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा 
ब्यूटी पालर मा भनुली, ब्यूटी पालर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा । 

सुबेर उठीक पली सीसा वैते चैंदु, 
फ़ैशन देखीक वैकु परेशान रैन्दु ।
किरीम पोडर वैका नखरा छन हजार ,
खुटियों मा सैंडल पैरी चली जांदी बजार ।

चंदी बटण ,भैजी कुर्ती कौलर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा 
ब्यूटी पालर मा भनुली, ब्यूटी पालर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा ।

Photo: Shayari गढवाली लोकगीत कुमाँऊनी लोकगीत कविता कोश हिन्दी कविताएँ

चंदी बटण ,भैजी कुर्ती कौलर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा 
ब्यूटी पालर मा भनुली, ब्यूटी पालर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा  । 

सुबेर उठीक पली सीसा वैते चैंदु, 
फ़ैशन देखीक वैकु परेशान रैन्दु ।
किरीम पोडर वैका नखरा छन हजार ,
खुटियों मा सैंडल पैरी चली जांदी बजार ।

चंदी बटण ,भैजी कुर्ती कौलर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा 
ब्यूटी पालर मा भनुली, ब्यूटी पालर मा,
मेरी भनुली जईं च ब्यूटी पालर मा  ।

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