नारंगी की दाणी हो.. क्याल सुखी होल भौजी, मुखडी का पाणी हो


गढवाली लोकगीत 

ये दियोरा और भाभी, किस प्रकार से गाने के माध्यम से हाल चाल पूछते है देखिये 
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नारंगी की दाणी हो.. 
क्याल सुखी होल भौजी, मुखडी का पाणी हो

भौजी :

खोली का गणेशा, हो...... .. 
जुग बीत गयाना दियोरा.
स्वामी परदेश हो................

देवर :

तितर का पांखी हो... 
कह हर्चेनी भौजी. 
सुरमाली आखी.. .. 

भौजी :
क्वीडी लोकी गे हो हो 
क्वीडी लोकी गे हो हो 
आखो का सुरमा दियोरा 
आसू ले बागी गे हो 

दियोरा :

इसरी का गौद हो. हो.. 
कख होल पयुलू गाय 
कब गे वो.. फौन्दा हो.. 

भौजी :

ऋतू एनी गेनी हो.. हो.. 
ऋतू एनी गेनी हो.. हो.. 
बौल गेरी केंन दियोरा. 
लटुली नि रेंदी.

दियोरा. 

धीरज चयादा. हो. हो. 
खैरी का यो दिन 
सदा नी रैंदा.. हो हो ओह 

भौजी 

तवे मा लगौड़ हो. हो 
तवे मा लगौड़ हो. हो 
दिन बौडी आन्दी जेना. 
जवानी कथे लियोना हो हो 
जवानी कथे लियोना हो हो 
जवानी कथे लियोना हो हो 

दियोरा.. जवानी कथे लियोना हो हो

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