ई डरैबरि कलैण्डरि मां
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
भावार्थ - अरे भाइयो ड्राइवरी और कण्डक्टरी की इस नौकरी में तो हमें गाड़ियों में ही सोना होता है और होटलों में खाना होता है इससे तो बेहतर है कि तुम अपने खेतों में हल लगाने की तरफ ध्यान दो और ड्राइवरी/कण्डक्टरी में जाने की बिल्कुल भी मत सोचो।
हमें देखो हम कोटद्वार, ॠषिकेश जैसे शहरों में गाड़ी लेकर जाते हैं और वहीं गैरेजो में सोते हैं, अपना बचपन तो हमने गाड़ी धोने में ही गँवा दिया है। हमारी जिन्दगी तो ऐसे आगे बढ रही है जैसे बिना तेल और बैटरी की गाड़ी को धकेला जा रहा हो।
हमने अपना घर-परिवार तो जोड़ा (शादी की) लेकिन परिवार के साथ रहने का सुख हम कभी पा नहीं सके। गाड़ी का स्टैयरिंग काटते-काटते ही हमारी जवानियाँ कट गई है। अपना परिवार उजाड़ कर हम दूसरों को उनके परिवार तक पहुंचा कर उनका परिवार बनवा रहे हैं।
हमारे लिये पता नहीं कब आयेगी बसन्त ऋतु कब हमारी जिन्दगी में खिलेंगे फूल। हमारी जिन्दगी में तो बचे रह गये हैं बस टायर और टूल (औजार)। जैसे-तैसे अपने दिल में पंक्चर लगा-लगा कर बस जिन्दगी गुजार रहे है।
हमने तो कई सौभाग्यशाली यात्रियों को उनके गंतव्यों (मंजिल/घरों) तक पहुंचाते हैं, लेकिन हमारे बच्चे हमारी घर आने की राह तकते ही रह जाते हैं। हमारा तो गाँव भी छूटा और घर-गाँव जाना भी छूट गया है।
गीत
मोटरूंको सैणुं हो यु, मोटरूंको सैणुं हो यु, होटलुको खाणुं
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
हौल लगा चटैलि, हौल लगा चटैलि, भुलो कतैं नि जाणुं
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
मोटरूंको सैणुं हो यु, होटलुको खाणुं
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
कोट्द्वार, रिसिकेस गैरैजुं में रै रै कि- गैरैजुं मां रै-रै कि
कोट्द्वार, रिसिकेस गैरैजुं में रै रै कि- गैरैजुं मां रै-रै कि
बचपन गवाईं भुलो गाड़्युं ध्वै ध्वै कि- गाड़्युं ध्वै-ध्वै कि
बिना तेल बैटरि का जिन्दगि छु धक्याणु
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
मोटरूंको सैणुं हो यु, होटलुको खाणुं
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
घर-बार जोड़ि पर सुख कभी नि पाई- सुख कभी नि पाई
घर-बार जोड़ि पर सुख कभी नि पाई- सुख कभी नि पाई
स्टैरिंग काटि-काटि जवानि कटि ग्याई – जवानि कटि ग्याई
उज्याड़ि अपणि मवासि बिराणि छो बनाणुं
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
मोटरूंको सैणुं हो यु, होटलुको खाणुं
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
कब आन्दि रितु बसन्त, कब खिलन्दान फूल- कब खिलन्दान फूल
कब आन्दि रितु बसन्त, कब खिलन्दान फूल- कब खिलन्दान फूल
हमारा भाग में भुलो टैर और टूल- टैर और टूल
पंक्चर जिकुड़ि मां थैगला छों लगाणुं
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
मोटरूंको सैणुं हो यु, होटलुको खाणुं
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
पसैन्जर भग्यान हमुन घर-घरु पौंचैनि- घर-घरु पौंचैनि
पसैन्जर भग्यान हमुन घर-घरु पौंचैनि- घर-घरु पौंचैनि
हमार नौन्याल बाटु हैरदै रैगैनि- हैरदै रैगैनि
मुलुक छुटि छुटि घोर-गौंऊ आणु-जाणु
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
मोटरूंको सैणुं हो यु, होटलुको खाणुं
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
हौल लगा चटैलि, हौल लगा चटैलि भुलो कथैं नि जाणुं,
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि मां
ई डरैबरि कलैण्डरि मां, ई डरैबरि कलैण्डरि
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