ज्यू त यन बौनूं च आज नाच नाचि की,
ज्यू त यन बौनूं च-ज्यू त यन बौनूं च आज नाच नाचि की, नाच नाचि की
भावार्थ :- प्रेमी अपनी प्रेमिका को देखकर कहता कि कि दिल तो करता है कि आज मैं जी भर कर नाचूँ और तुम्हें भी अपने हाथों में लेकर नचाता रहूँ। इसको सुनकर प्रेमिका कहती है कि आज मेरा भी जी करता है कि मैं तुम्हें अपने चुनरी में गांठ बांध कर संभाल कर रख दूँ।
प्रेमी कहता है कि इस सजीले रुप-रंग और इन कातिल नजरों की घातक चोट से भला कोई कब तक बच सकता है, मेरा तो मन करता है कि कोमल मक्खन की तरह तुम्हें अपने मुँह में रख कर गटक ही जाऊँ।
प्रेमिका का कहना है कि मेरा मन भी अब न खाने में लगता है ना ही किसी काम को करने में, मेरी उमर तो तुम्हारे प्यारे सपने देखने में ही बीतने लगी है। मेरा तो मन करता है कि इन सपनों को सहेज कर अपने सिरहाने में रख दूँ और उन पर अपना सिर रख कर सो जाऊँ।
प्रेमी कहता है कि हमारे शरीर प्रफुल्लित हैं और हृदय तो मानो मिल कर एक हो गये हैं, फिर भी हम दूर दूर क्यों हैं, क्यों हमारे होंठ मानो किसी ने सिल दिये हैं (क्यों हम दिल की बात लोगों से कह नहीं पा रहे हैं। मेरा तो ऐसा दिल कर रहा है कि तुम्हारे इस सुन्दर चेहरे को उठाकर अपने बटुए में संभाल कर रख लूं।
प्रेमिका कहती है कि मेरे दिल में तो बड़ी खींचतान चल रही है और मैं तुम्हें ढूंढने की कोशिश में तो खुद को भी भूल चुकी हूँ। अब मेरा तो दिल करता है कि किसी भी तरह तुम्हे मारपीट कर बाँधकर अपने हृदय में प्रतिष्ठापित कर दूँ।
भावार्थ :- प्रेमी अपनी प्रेमिका को देखकर कहता कि कि दिल तो करता है कि आज मैं जी भर कर नाचूँ और तुम्हें भी अपने हाथों में लेकर नचाता रहूँ। इसको सुनकर प्रेमिका कहती है कि आज मेरा भी जी करता है कि मैं तुम्हें अपने चुनरी में गांठ बांध कर संभाल कर रख दूँ।
प्रेमी कहता है कि इस सजीले रुप-रंग और इन कातिल नजरों की घातक चोट से भला कोई कब तक बच सकता है, मेरा तो मन करता है कि कोमल मक्खन की तरह तुम्हें अपने मुँह में रख कर गटक ही जाऊँ।
प्रेमिका का कहना है कि मेरा मन भी अब न खाने में लगता है ना ही किसी काम को करने में, मेरी उमर तो तुम्हारे प्यारे सपने देखने में ही बीतने लगी है। मेरा तो मन करता है कि इन सपनों को सहेज कर अपने सिरहाने में रख दूँ और उन पर अपना सिर रख कर सो जाऊँ।
प्रेमी कहता है कि हमारे शरीर प्रफुल्लित हैं और हृदय तो मानो मिल कर एक हो गये हैं, फिर भी हम दूर दूर क्यों हैं, क्यों हमारे होंठ मानो किसी ने सिल दिये हैं (क्यों हम दिल की बात लोगों से कह नहीं पा रहे हैं। मेरा तो ऐसा दिल कर रहा है कि तुम्हारे इस सुन्दर चेहरे को उठाकर अपने बटुए में संभाल कर रख लूं।
प्रेमिका कहती है कि मेरे दिल में तो बड़ी खींचतान चल रही है और मैं तुम्हें ढूंढने की कोशिश में तो खुद को भी भूल चुकी हूँ। अब मेरा तो दिल करता है कि किसी भी तरह तुम्हे मारपीट कर बाँधकर अपने हृदय में प्रतिष्ठापित कर दूँ।
गीत
ज्यू त यन बौनूं च-ज्यू त यन बौनूं च आज नाच नाचि की, नाच नाचि की
नचै द्यू त्वै हथौं-हथौं मां धारि की ज्यू त यन बौनूं च
मेर भि ज्यू कनु च – मेर भि ज्यू कनु च, त्वै सणि संभालि की- संभालि की
धैरि द्यू चदरि में गैड़ मारि की, मेर भि ज्यू कनु च
तै सजिला सिंगार से, रूप रंग कि बार से, कब तलक बचलु कुई, तौं नजर कि मार से
तै सजिला सिंगार से, रूप रंग कि बार से, कब तलक बचलु कुई, तौं नजर कि मार से
ज्यू त यन बौनु च- ज्यू त यन बौनु च, जन गौन्दगि नौणि सी- गौन्दगि नौणि सी
गल्ल घूलि द्यू गिचा मां धारि की
मेर भि ज्यू कनु च – मेर भि ज्यू कनु च, त्वै सणि संभालि की- संभालि की
धैरि द्यू चदरि में गैड़ मारि की, मेर भि ज्यू कनु च
खांण मां, कमांण मां, ज्यू नि लगदु खांण मां, उमर गौलि ग्या तेरि, सुपन्यु सजाण मां
खांण मां, कमांण मां, ज्यू नि लगदु खांण मां, उमर गौलि ग्या तेरि, सुपन्यु सजाण मां
आज ज्यू कनु च – आज ज्यू कनु च, सुपन्यु बटौलि कि – बटौलि कि
सी जाऊं सिराना मुण्ड धारि की
ज्यू त यन बौनूं च-ज्यू त यन बौनूं च, आज नाच नाचि की, नाच नाचि की
नचै द्यू त्वै हथौं-हथौं मां धारि की ज्यू त यन बौनूं च
तन खिल्यां-खिल्यां छन, मन हिल्यां-मिल्यां छन, फिर किलै छां दूर-दूर, गिजा किलै सिला छन
तन खिल्यां-खिल्यां छन, मन हिल्यां-मिल्यां छन, फिर किलै छां दूर-दूर, गिजा किलै सिला छन
ज्यू त यन बौंनू च – ज्यू त यन बौंनू च, तौं मुखड़्यूं चूड़ि की – चट्ट चूड़ि की
धैरु द्यू बटूआ मां संभालि की
मेर भि ज्यू कनु च – मेर भि ज्यू कनु च, त्वै सणि संभालि की- संभालि की
धैरि द्यू चदरि में गैड़ मारि की, मेर भि ज्यू कनु च
मन कि खैंच ताण मां, सरैल खुज्यांण मां, बिसरि ग्यूं अफ सणि, त्वैं सणि खुज्याण मां
मन कि खैंच ताण मां, सरैल खुज्यांण मां, बिसरि ग्यूं अफ सणि, त्वैं सणि खुज्याण मां
आज ज्यूं कनु च – ज्यूं कनु च त्वै मार बांधि कि – मार बांधि कि
धैरि द्यु जिकुड़ि मां पट्ट ग्वाड़ि की,
ज्यू त यन बौनूं च-ज्यू त यन बौनूं च आज नाच नाचि की, नाच नाचि की,
नचै द्यू त्वै हथौं-हथौं मां धारि की, ज्यू त यन बौनूं च
मेर भि ज्यू कनु च – मेर भि ज्यू कनु च, त्वै सणि संभालि की- संभालि की
धैरि द्यू चदरि में गैड़ मारि की, मेर भि ज्यू कनु च
ज्यू त यन बौनूं च-ज्यू त यन बौनूं च आज नाच नाचि की, नाच नाचि की,
नचै द्यू त्वै हथौं-हथौं मां धारि की, ज्यू त यन बौनूं च
ज्यू त यन बौनूं च-ज्यू त यन बौनूं च आज नाच नाचि की, नाच नाचि की
नचै द्यू त्वै हथौं-हथौं मां धारि की ज्यू त यन बौनूं च
मेर भि ज्यू कनु च – मेर भि ज्यू कनु च, त्वै सणि संभालि की- संभालि की
धैरि द्यू चदरि में गैड़ मारि की, मेर भि ज्यू कनु च
तै सजिला सिंगार से, रूप रंग कि बार से, कब तलक बचलु कुई, तौं नजर कि मार से
तै सजिला सिंगार से, रूप रंग कि बार से, कब तलक बचलु कुई, तौं नजर कि मार से
ज्यू त यन बौनु च- ज्यू त यन बौनु च, जन गौन्दगि नौणि सी- गौन्दगि नौणि सी
गल्ल घूलि द्यू गिचा मां धारि की
मेर भि ज्यू कनु च – मेर भि ज्यू कनु च, त्वै सणि संभालि की- संभालि की
धैरि द्यू चदरि में गैड़ मारि की, मेर भि ज्यू कनु च
खांण मां, कमांण मां, ज्यू नि लगदु खांण मां, उमर गौलि ग्या तेरि, सुपन्यु सजाण मां
खांण मां, कमांण मां, ज्यू नि लगदु खांण मां, उमर गौलि ग्या तेरि, सुपन्यु सजाण मां
आज ज्यू कनु च – आज ज्यू कनु च, सुपन्यु बटौलि कि – बटौलि कि
सी जाऊं सिराना मुण्ड धारि की
ज्यू त यन बौनूं च-ज्यू त यन बौनूं च, आज नाच नाचि की, नाच नाचि की
नचै द्यू त्वै हथौं-हथौं मां धारि की ज्यू त यन बौनूं च
तन खिल्यां-खिल्यां छन, मन हिल्यां-मिल्यां छन, फिर किलै छां दूर-दूर, गिजा किलै सिला छन
तन खिल्यां-खिल्यां छन, मन हिल्यां-मिल्यां छन, फिर किलै छां दूर-दूर, गिजा किलै सिला छन
ज्यू त यन बौंनू च – ज्यू त यन बौंनू च, तौं मुखड़्यूं चूड़ि की – चट्ट चूड़ि की
धैरु द्यू बटूआ मां संभालि की
मेर भि ज्यू कनु च – मेर भि ज्यू कनु च, त्वै सणि संभालि की- संभालि की
धैरि द्यू चदरि में गैड़ मारि की, मेर भि ज्यू कनु च
मन कि खैंच ताण मां, सरैल खुज्यांण मां, बिसरि ग्यूं अफ सणि, त्वैं सणि खुज्याण मां
मन कि खैंच ताण मां, सरैल खुज्यांण मां, बिसरि ग्यूं अफ सणि, त्वैं सणि खुज्याण मां
आज ज्यूं कनु च – ज्यूं कनु च त्वै मार बांधि कि – मार बांधि कि
धैरि द्यु जिकुड़ि मां पट्ट ग्वाड़ि की,
ज्यू त यन बौनूं च-ज्यू त यन बौनूं च आज नाच नाचि की, नाच नाचि की,
नचै द्यू त्वै हथौं-हथौं मां धारि की, ज्यू त यन बौनूं च
मेर भि ज्यू कनु च – मेर भि ज्यू कनु च, त्वै सणि संभालि की- संभालि की
धैरि द्यू चदरि में गैड़ मारि की, मेर भि ज्यू कनु च
ज्यू त यन बौनूं च-ज्यू त यन बौनूं च आज नाच नाचि की, नाच नाचि की,
नचै द्यू त्वै हथौं-हथौं मां धारि की, ज्यू त यन बौनूं च
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