अपरी संस्कर्ती जपला
गढवाली लोकगीत
बाबा डैडी हुयुंचा बोई ममी हुंयीचा
आपरा गड्वाला कण रीत आंयीचा
बाबा डैडी हुयुंचा बोई ममी हुंयीचा............
कण अंग्रजी को चलाण चालों च
मयारू भुला कण इंग्लिश बोलणु च
आपरा गड्वाला कण रीत आंयीचा..............
बुट सुट डाली कण भुला ताणु च
बाजार मा निकली हेलोओ हाय बुल्णु च
बाबा डैडी हुयुंचा बोई ममी हुंयीचा............
बावरी थै देखा कण पावडर लाली पुतीचा
कमर तक लटकाणु बटवा धरुंयूँ च
आपरा गड्वाला कण रीत आंयीचा..............
सभी वेदेशी संस्कर्ती का दीवाण होयांचण
अपरी संस्कर्ती दोर बठिक बाय बाय कण छान
बाबा डैडी हुयुंचा बोई ममी हुंयीचा............
गावा मा भी यनु बदलवा आयीं छंण
माटा कूड़ा छुडी सेमंट मकान बना छण
आपरा गड्वाला कण रीत आंयीचा..............
कोंकर बीरल की मोंज होई छान
ये मोती यू यू मिल्क पी के गो होई छंण
बाबा डैडी हुयुंचा बोई ममी हुंयीचा............
दार मुन्द्र पंतेद्दर सब डेरा होयां छंण
अपरू अपरू मा अपड भेद कण छंण
आपरा गड्वाला कण रीत आंयीचा..............
जाण कखक लेकी जली उत्तरखंड थै ये फैशण
हमत अपरी बोली थै भाष बाण को ताडपण छंण
बाबा डैडी हुयुंचा बोई ममी हुंयीचा............
बाबा डैडी हुयुंचा बोई ममी हुंयीचा
आपरा गड्वाला कण रीत आंयीचा
बाबा डैडी हुयुंचा बोई ममी हुंयीचा............
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