कू भग्यान होलू डांड्यू मां, येनि भली बांसुरी बजाणु



गीत

 कू भग्यान होलू डांड्यू मां,
महिला : कू भग्यान होलू डांड्यू मां, येनि भली बांसुरी बजाणु…..बजाणु रे……
कू भग्यान होलू डांड्यू मां….. कू भग्यान…..
पुरुष : होलू क्वी बिचारू मैं जनू, नखर्याली बांद रिझाणु …रिझाणु ये…..
होलू क्वी बिचारू मैं जनू…. होलू क्वी…………

पुरुष : फूल हमथें देख-देखि, पोतलो सन कांणा छीन… पोतलो सन कांणा छीन…
भौंरा देखा दिजा कैंमा, छुई हमरि लगाणा छीन
महिला : को बेशर्म होलू तो सणी तेरि-मेरि माया बिगाणू…… बिगाणू रेsssss…..
पुरुष : होलू क्वी बिचारू मैं जनू …. होलू क्वी…..

महिला : ये डांडी बच्युणि होली कि, डालि बोटी गाणि होली डालि बोटी गाणि होली
रसीला गीतों की भांण, कख बटि आणि होली…..
पुरुष : क्वा घस्येर होली रोल्यू मां, अपना सौंजर्या थे बत्याणि, बत्याणि रेsssss….
महिला : होली क्वै बिचारी मैं जनी…. होली क्वै
पुरुष : होलू क्वी बिचारू मैं जनू, नखर्याली बांद रिझाणु …रिझाणु ये…..
होलू क्वी बिचारू मैं जनू…. होलू क्वी…………

Photo: Shayari गढवाली लोकगीत कुमाँऊनी लोकगीत कविता कोश हिन्दी कविताएँ

गीत कू भग्यान होलू डांड्यू मां,
महिला : कू भग्यान होलू डांड्यू मां, येनि भली बांसुरी बजाणु…..बजाणु रे……
कू भग्यान होलू डांड्यू मां….. कू भग्यान…..
पुरुष : होलू क्वी बिचारू मैं जनू, नखर्याली बांद रिझाणु …रिझाणु ये…..
होलू क्वी बिचारू मैं जनू…. होलू क्वी…………

पुरुष : फूल हमथें देख-देखि, पोतलो सन कांणा छीन… पोतलो सन कांणा छीन…
भौंरा देखा दिजा कैंमा, छुई हमरि लगाणा छीन
महिला : को बेशर्म होलू तो सणी तेरि-मेरि माया बिगाणू…… बिगाणू रेsssss…..
पुरुष : होलू क्वी बिचारू मैं जनू …. होलू क्वी…..

महिला : ये डांडी बच्युणि होली कि, डालि बोटी गाणि होली डालि बोटी गाणि होली
रसीला गीतों की भांण, कख बटि आणि होली…..
पुरुष : क्वा घस्येर होली रोल्यू मां, अपना सौंजर्या थे बत्याणि, बत्याणि रेsssss….
महिला : होली क्वै बिचारी मैं जनी…. होली क्वै
पुरुष : होलू क्वी बिचारू मैं जनू, नखर्याली बांद रिझाणु …रिझाणु ये…..
होलू क्वी बिचारू मैं जनू…. होलू क्वी…………

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