तू दिख्यांदि जनि जुन्यालि..



तू दिख्यांदि जनि जुन्यालि..

फिल्म “घरजवैं” का “तू दिख्यांदि…. जनि जुन्यालि”। इस गीत में एक प्रेमी द्वारा अपनी प्रेमिका के रूप और सौन्दर्य का वर्णन किया गया है। एक सच्चा प्रेमी तो वही है जिसे अपनी प्रेमिका ही संसार की सबसे सुन्दर नारी लगे कुछ ऐसे ही भाव इस गीत में भी हैं।
भावार्थ : मैं तेरी कसम खा के कहता हूँ तेरा रूप चांदनी रात की तरह मोहक है जब भी संसार में रूपवती महिलाओं की बात होगी तो तेरा नाम सबसे पहले लिया जायेगा।  तेरे इस रूप को देखकर लोगों को ईर्ष्या होने लगती हैं। तेरी सुन्दरता देखकर डालियों में इतराते फूल भी  ईर्ष्या करने लगते हैं उन्हें शर्म आने लगती है और बेचारे भौंरे भ्रम में पड़ जाते हैं। तेरे गोरे मुख के प्रकाश से काली रात भी चांदनी रात की तरह दमकने लगती है और आंखों की सुन्दरता देखकर पथिक भी अपना रास्ता भटक जाते हैं। तुझमें ऐसा क्या है कि मैं तुझसे इतना प्यार करने लगा हूँ, तूने तो जैसे मुझ पर जादू ही कर दिया है। तेरा यौवन देख कर  तो बूढ़े भी जोश में आ जाते हैं और जवान होश खो बैठते है


तू दिख्यांदि…. जनि जुन्यालि, सचि त्यारा सौं,सचि त्यारा सौं….

तू दिख्यांदि जनि जुन्यालि, तू दिख्यांदि जनि जुन्यालि, सचि त्यारा सौं….,
जब हुन्दिन छुईं रुपकि पैलि त्यारु नौं
ओ त्यारा रुप देखि कि, ओ त्यारा रुप देखि कि
लोग जलि गैना, बौल्या बड़िं गैना, लोग जलि गैना, बौल्या बड़ि गैना
फूल बिचारा डाल-डाल्युं मां जलैणा लगैना, फूल बिचारा डाल-डाल्युं मां जलैणा लगैना
भौंरा त्वै देखि-देखि कि, नौलेणा लगैना, भौंरा त्वै देखि-देखि कि, नौलेणा लगैना
नौलेणा लगैना..तेरि ज्योति देखि कि.. हो तेरि ज्योति देखि कि
फूल शरमैं गैंना, भौंरा भरमे गैना…फूल शरमैं गैंना, भौंरा भरमे गैना…
गोरि मुखड़ि देख्यान्दि कनि जनि जुन्यालि राति, गोरि मुखड़ि देख्यान्दि कनि जनि जुन्यालि राति
कनि लगान्दिनि छुईं भग्यानि तेरि छुंयांलि आंखि, कनि लगान्दिनि छुईं भग्यानि तेरि छुंयांलि आंखि
तेरि छुंयांलि आंखि…तेरि आंखि देखि कि.. हो तेरि आंखि देखि कि
बटोई पिरड़ि गैना, बाटु बिरड़ि गैना, बटोई पिरड़ि गैना, बाटु बिरड़ि गैना
तू दिख्यांदि जन जुन्यालि, तू दिख्यांदि जन जुन्यालि, सचि त्यारा सौं,
जब हुन्दिन छुईं रुपकि पैलि त्यारु नौं
कि त्यारा रुप देखि कि, त्यारा रुप देखि कि
लोग जलि गैना, बौल्या बड़ि गैना, लोग जलि गैना, बौल्या बड़ि गैना
बांदु मां कि बांद त्वैमा सबि लगुन्दिनि माया, बांदु मां कि बांद त्वैमा सबि लगुन्दिनि माया
चान्दु मा कि चांद बोल त्विल क्या जादु काया, चान्दु मा कि चांद बोल त्विल क्या जादु काया
त्विल क्या जादु काया…तेरि ज्वानि देखि कि हो तेरि ज्वानि देखि कि
बुढ्या खोलि गैना, ज्वान बोलि गैना , बुढ्या खोलि गैना, ज्वान बोलि गैना
तू दिख्यांदि जन जुन्यालि, तू दिख्यांदि जन जुन्यालि, सचि त्यारा सौं,
जब हुन्दिन छुईं रुपकि पैलि त्यारु नौं
कि त्यारा रुप देखि कि, त्यारा रुप देखि कि
लोग जलि गैना, बौल्या बड़ि गैना, लोग जलि गैना, बौल्या बड़ि गैना
लोग जलि गैना, बौल्या बड़ि गैना, लोग जलि गैना, बौल्या बड़ि गैना

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हे मेरी आंख्यूं का रतन बाला स्ये जादी, बाला स्ये जादी

लायुं छो भाग छांटी की देयुं छो वेकु अन्जोल्युन न

जय बद्री केदारनाथ गंगोत्री जय जय जमुनोत्री जय जय