रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे, रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे
रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे, रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे
भावार्थ : हे प्रिये तुझे मिलने से मेरे पुराने रोग दूर हो गये और मुझे जैसे नई ज़िन्दगी मिल गयी है, तेरा मन्द मन्द मुस्कुराना तो जैसे मेरे लिये दवाई बन गया।
मुझे तो अपने बचने की कोई आशा नही थी, मैं सख्त बीमार था, मैं असहनीय दर्द से तड़फ रहा था, वैद्य – चिकित्सक सभी लाचार थे, ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं बस दों पल का ही मेहमान हूँ, ठीक उसी समय आकर तुमने जो मुस्कान बिखेरी वो मेरे लिये किसी अचूक दवाई का काम कर गई, और मेरी बरसों पुरानी बीमारी ठीक हो गयी।
मेरी सांस टूटने लगी थी, मेरी आस बुझने लगी थी, आवाज बन्द हों गयी थी और गला सूख गया था, तुम हड़बड़ी में जब मेरे पास पहुंची तो तुम्हारे होंठ थरथरा रहे थे तुम्हें तो शायद विश्वास भी नहीं होगा, कि तुम मुझे जीवित पाओगी, लेकिन तुम्हारे आने से मुझे जो इतनी खुशी मिली उससे मानो किसी पुराने मुकदमे का मेरे पक्ष में फैसला हो गया।
जब तुम मेरे घर पर आई, उस समय कोई मुझे दवाई पिला रहा था, कोई दया दिखा रहा था, कुछ लोग रो रहे थे तो कुछ दिलासा दे रहे थे,तुम्हारा अचानक अन्दर आना देखकर मैं चकित रह गया, जब तुमने मेरे सिरहाने बैठकर मेरे सिर पर हाथ फेरा तब मुझे ऐसा सुख मिला मानो मेरे दुःख बिपदा के दिनों की भरपाई हो गयी हो।
तुमने आकर जैसे मेरे इन पपड़ाये हुए होंठों पर अमृत की एक बूंद रख दी हो मेरे बुझे हुए चेहरे पर तो रौनक आ गई, मेरी इन खाली और बंजर आखों में तुम्हारे आने से फ्यौंली-बुरांश फूल खिल उठे, मेरे रूखे सूखे प्राण तुम्हारे प्यार की रिमझिम बरसात में भीग गये, तुमने यहाँ आकर मेरे मैले बीमार शरीर पर नई जान डाल दी है।
हे प्रिये तुझे मिलने से मेरे पुराने रोग दूर हो गये और मुझे जैसे नई ज़िन्दगी मिल गयी है, तेरा मन्द मन्द मुस्कुराना तो जैसे मेरे लिये दवाई बन गया।
गीत
रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे, रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे
नई – नई ह्वैगे ..
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे
रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे, नई – नई ह्वैगे ..
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे
आस बचणे नी छे सख्त बीमार छो, तेरा सयेणी नि छे बैध लाचार छो
हाथ जोड़याली छा, छो घड़े कु मेहमान, तबरी ऐगे खलबट तेरु भारी एहसान
बरसु पुराणी बीमारी की विदाई ह्वैगे, बरसु पुराणी बीमारी की विदाई ह्वैगे
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे
साँस टुटणी छई – आस मुँझणी छई, बाच गगलाणी छे – गौळी सुखणी छई
हड़बड़ी मा अई – उंठणी कोंपणी छई , सोची भी नि होलु- ज्युन्दु पैली मई
ज़िन्दगी का मुकदमे की सुणाई ह्वैगे – ओ ज़िन्दगी का मुकदमे की सुणाई ह्वैगे
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे
कुई दवै छो पिलाणु – कुई दया छो दिखाणु, कुई छो रोणु रुवाणु – कुई दिलासा दिलाणु
तेरु भक भीतर आणु-मेरु खोलू रै जाणु, सिराणा बैठी सुरक – मुंड मलासिक जाणु ..
दुःख बिपदा का दिनों की भरपई ह्वैगे – दुःख बिपदा का दिनों की भरपई ह्वैगे
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे
पपड़ा ईं उठड़्यूँ मां – चुयें अमृत की धार, पित मोरी मुखड़ि मां, आई बौड़ी मोळ्यार ..
रीती सूनी आँख्यूं – खिल्या फ्यौंली बुरांस, रुखा सुखा प्राणुं मां – बरखे रिमझिम चौमास
मैल्या बिमर्या सरेल पर कलाई ह्वैगे – मैल्या बिमर्या सरेल पर कलाई ह्वैगे
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे
रोग पुराणु कटे ज़िन्दगी नई ह्वैगे, नई – नई ह्वैगे ..
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे
तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे, तेरु मुल – मुल हैंसुणु दवाई ह्वैगे
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