गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे

गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे


भावार्थ : देखो ग रा रा की भारी आवाज करते हुए बारिश होने लगी है और सट से पहाड़ों की चोटियों को कोहरे ने ढक लिया है।
गाँव के लोगों ने अपने अनाज सूखने के लिये डाले थे, अचानक आयी बारिश ने उसे भिगो दिया है, खेत में काम कर रहे काका अपना हल छोड़कर किसी पेड़ की आड़ ढूंढने के लिये भागे और जंगल में गई काकी उडियार (छोटी सी गुफा, खोह) में जा छुपी, इस बारिश ने घास काटने गई औरतों को पूरा भिगो दिया है।
बुढ्ढे जी बड़े ग्वाले जाने वाले बन रहे थे अब उनकी बुढिया चिन्ताग्रस्त होकर अन्दर-बाहर कर रही है, शाम ढलने लगी है कोई जंगल की तरफ आवाज लगा कर बुढ्ढे जी को बुलाओ, निर्दयी बाघ का भी डर है, अरे देखो तो बुढ्ढे जी छाता भी घर पर ही भूल कर गये हैं।
पानी की तेज धार गिरने लगी है, भैया सब लोग घरों के अन्दर घुस जाओ, पूरा मकान भीगने लगा है, सोये हुए दादा, तुम भी अन्दर की तरफ अपना शरीर पलटो, बारिश के कारण मौसम में ठण्डक भी बढ गयी है और दादा ठण्ड से परेशान होने लगे हैं।
किसी बुढिया ने अपने गरम कपड़े (रजाई आदि) सूखने के लिये घर की छत पर डाले थे और खुद झंगुरा (एक खाद्यान्न) कूटने चली गई, इस दुष्ट स्वर्ग ने ऐसे समय बरस कर सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया, बुढ़िया के लिये तो अब भारी परेशानी हो गई है।
भाभी की नजर सामने के पहाड़ से नीचे उतरने वाले रास्ते पर टिकी हुई है, उसके पति आज घर आने वाले थे, आंखों में काजल लगाये हुए और सिर बांधे हुए स्कूल के बच्चे भी परेशान हैं, इस असमय आने वाली बारिश ने अपने पति का इन्तजार कर रही भाभी जी को भी चिन्ता में डाल दिया है।
गीत
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
सरा रा रा डाण्यूं में कन कुयेड़ि छैगे – सरा रा रा डाण्यूं में कन कुयेड़ि छैगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे

गौं कि सतेड़ि कोदड़ि सार, गरा रा रा ऐ बरखा डाळ
गौं कि सतेड़ि कोदड़ि सार, गरा रा रा ऐ बरखा डाळ
हौल छोड़ि भागि कका, काकि लुकि रे उड्यार
गरा रा रा घसैन्युं की छुलि रुझैगे – गरा रा रा घसैन्युं की छुलि रुझैगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
बौडा बण्यु राई ग्वैर, बौडी कनि भितर भैर
बौडा बण्यु राई ग्वैर, बौडी कनि भितर भैर
रुमुक ह्वैगि कि धै लगावा, निर्भगि बागै कि डैर
अरा रा रा बौडो त छतरु डैरे रैगे – अरा रा रा बौडो त छत रुड़ैरे रैगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
पणधर्यु कि लरक-तरक, दादि भितर-भितर सरक
पणधर्यु कि लरक-तरक, दादि भितर-भितर सरक
धुर्पलौ भि चून बैठी, दादा तु त हौड़ फरक
अरा रा रा दादा कु फारि जड़ु हैगे – अरा रा रा दादा कु फारि जड़ु हैगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
खतड़ि धुर पलम घमैकि, बौड़ी झंगुरु फुटणु लेकि
खतड़ि धुर पलम घमैकि, बौड़ी झंगुरु फुटणु लेकि
निर्भगि सरगो कु मोरि, सरगि जखल-पखल कैगि
अरा रा रा बौड़्युकु कन फजितो ह्वैगे – अरा रा रा बौड़्युकु कन फजितो ह्वैगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
बौ कि नजर धार पोर, स्वामि आणां ह्वाला घौर
बौ कि नजर धार पोर, स्वामि आणां ह्वाला घौर
सुरमा लग्युं मुण्ड बध्युं च, स्कुल्या नौन्यु कि सौर
झरा रा रा बौ गिचु कुड़ि कनु झुरैगे – झरा रा रा बौ गिचु कुड़ि कनु झुरैगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
सरा रा रा डाण्यूं में कन कुयेड़ि छैगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
सरा रा रा डाण्यूं में कन कुयेड़ि छैगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे
सरा रा रा डाण्यूं में कन कुयेड़ि छैगे – गरा रा रा ऐगे रे बरखा झुकि ऐगे

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