टक टका टक कमला बटुली लगा ये





टक -टक 
टक टका टक कमला बटुली लगा ये 
परदेशा मुलक मै घर बुलाये ..२

जब आली दगडा परदेश घुमोलो २
माया की डाल मा घर -बार भानोलो -२
टक टका टक कमला बटुली लगा ये 
परदेशा मुलक मै घर बुलाये ..२

अकेली ना सोचे दगडो भानोलो २
कमला परदेश मा साथ घुमोलो -२
टक टका टक कमला बटुली लगा ये 
परदेशा मुलक मै घर बुलाये ..२

चिठ्ठी दिए जडूड मै आश लै रो लो -२
तेरी फोटो देखी की मै रात कटूलो -२
टक टका टक कमला बटुली लगा ये 
परदेशा मुलक मै घर बुलाये ..२

महण दिन हेगे न चिठ्ठी पतरा-२
कैसी माया दी ये मेरी डियूटी बोडरा -२
टक टका टक कमला बटुली लगा ये 
परदेशा मुलक मै घर बुलाये ..२

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हे मेरी आंख्यूं का रतन बाला स्ये जादी, बाला स्ये जादी

लायुं छो भाग छांटी की देयुं छो वेकु अन्जोल्युन न

जय बद्री केदारनाथ गंगोत्री जय जय जमुनोत्री जय जय