परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार


परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार

भावार्थ - डाक्टर साहब मुझे परसों से बार-बार बुखार चढ रहा है, ऐसा लग रहा है कि अब मेरी मृत्यु नजदीक है, आप कुछ न कुछ तो जतन कीजिये, मेरी इच्छा है कि आप मेरी जान बचाइये।
अब तो जो कुछ करना है आपको ही करना है, वैद्य और धामी (लोकदेवताओं की पूजा-पाठ कराने वाले) सब हार गये हैं, वे सब मेरी जेब खाली करवा चुके हैं। मैने देवताओं को प्रसन्न करने के
लिये बकरे की बलि चढ़वाई, खबीस (बुरी आत्माएं) पूज डाली, देवताओं को नचवाया, पर कुछ खास अन्तर नहीं आया। अब आप से मैं क्या झूठ बोलूँ, मेरा मन कहता है कि सिर्फ आप ही मेरी जान बचा सकते हैं इसलिये आप कुछ कीजिये।
लेकिन रुकिये! इलाज शुरु करने से पहले मैं कुछ बातें आपको अपने बारे में बता देता हूँ, चाय पीने का मेरा अटूट सिलसिला चलता है, तम्बाकू मुझसे छूटती नहीं है। अब आपसे भला मैं झूठ क्यों बोलूं, दलिया-खिचड़ी मैं खा नहीं सकता और शिकार (मांस) के बिना रह नहीं सकता, लेकिन फिर भी मेरे को लगता है कि आपके हाथों ही अब मेरी जान बचेगी, अब आप से मैं क्या झूठ बोलूँ।
सफेद गोली मुझे जमती नहीं है, लाल-पीली गोली पचती नही है, ग्लूकोज की शीशी चढाना मुझे भाता नहीं, पिसी हुई दवाई की पुड़िया से मुझे खास नफरत है, कैप्सूल तो मैं खा ही नहीं पाता और इन्जेक्शन लगवाना मेरे बस की बात नहीं। लेकिन जो कुछ करना है अब आपने ही करना है, क्योंकि मेरे को लगता है कि आपके हाथों ही अब मेरी जान बचेगी, अब आप से मैं क्या झूठ बोलूँ।
मैं खाता तो खूब हूँ, पर पचा नहीं पाता लेकिन क्या करूँ बिना खाये मुझसे रहा नहीं जाता, मेरी सांस ऊपर नीचे चलती है, और मुझे ज्यादा ठण्डा-गरम सहन नहीं होता, मुझे पता है कि मीठी दवाई तुमने मुझे देनी नहीं है और कड़वी दवा हुई तो मैने पीनी ही नही है। अब आपसे भला मैं क्यों झूठ बोलूं? आपके हाथों ही मेरी जान बचेगी, अब जो कुछ करना है आपने ही करना है.
नाती-नातिनियां, माया-ममता, चारों और फैली हुई मेरी धन-सम्पत्ति, खेत-मकान, गाय-भैंस, रुपये-पैसे मेरे सारे यहीं छूटने वाले हैं मैं आपके सामने बोलना तो नहीं चाहता था, लेकिन मैं अब अपने दिल का असली दर्द आपको बता ही देता हूँ, अब आपसे भला मैं क्यों झूठ बोलूं? मेरा दिल कहता है कि अब आपके हाथों ही मेरी जान बचेगी, अब जो कुछ करना है आपने ही करना है।

गीत

परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
कुछ ना कुछ त कर जतन, तेरे हाथ छ बचणैं मन
कुछ ना कुछ त कर जतन, तेरे हाथ छ बचणैं मन
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
बैध धामि हारि गैनि, खीसा बटुवा झाडि गैनि, बैध धामि हारि गैनि, खीसा बटुवा झाडि गैनि
मैन मारि खाड़ु कचैरि, खबेस पूजि देवता नचै
हरक फरक कुछ नि पड़ि, हरक फरक कुछ नि पड़ि – एक जूगु तक नि छड़ि
झूट त्वै में किले ब्वन,तेरे हाथ छ बचणैं मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
तब करि इलाज मेरु समझि ले मिजाज मेरू, तब करि इलाज मेरु समझि ले मिजाज मेरू
चा कु ढब्ज टुटदु नि, तंबाकु मैथे छुटदु नि
दलिया खिचडि खै नि सकदु, दलिया खिचडि खै नि सकदु – शिकरि बिना रै नि सकदु
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचणैं मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
सफेद गोळि खपदि नी, लाल पिंगळि पचदि नी, सफेद गोळि खपदि नी, लाल पिंगळि पचदि नी
ग्लुकोज शीशि चड़दि नी , पिसी पुड़िया लड़दि नी
कैप्पसूल खै नि सकदु, कैप्पसूल खै नि सकदु – इंजक्शन मैं सै नि सकदु
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचणैं मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
खान्दु छौं पचै नि सक्दुं, बिना खाया मि रै नि सक्दुं, खान्दु छौं पचै नि सक्दुं, बिना खाया मि रै नि सक्दुं
उन्द, उब्ब बगत-बगत, गरम-ठण्ड मैं नि खब्द
मिठि दवै त्विल दैणि नी, मिठि दवै त्विल दैणि नी- कड़ि दवै मिल पैणि नि
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचणैं मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
नाती-नातिना माया ममता, जर जजैता फैलि संगदा,नाती-नातिना माया ममता, जर जजैता फैलि संगदा
कूड़ि-पुंगड़ि गौरु भैंसा, यख्खि छुट्दा रुप्या-पैसा
मन को भैम त्वै बतांदु, मन को भैम त्वै बतांदु- डाग्टर मैं बोल नि चांदु
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचणैं मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
मोर्दु छो उतार-उतार, मोर्दु छो उतार-उतार, मोर्दु छो उतार-उतार

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भावार्थ - डाक्टर साहब मुझे परसों से बार-बार बुखार चढ रहा है, ऐसा लग रहा है कि अब मेरी मृत्यु नजदीक है, आप कुछ न कुछ तो जतन कीजिये, मेरी इच्छा है कि आप मेरी जान बचाइये।
अब तो जो कुछ करना है आपको ही करना है, वैद्य और धामी (लोकदेवताओं की पूजा-पाठ कराने वाले) सब हार गये हैं, वे सब मेरी जेब खाली करवा चुके हैं। मैने देवताओं को प्रसन्न करने के लिये बकरे की बलि चढ़वाई, खबीस (बुरी आत्माएं) पूज डाली, देवताओं को नचवाया, पर कुछ खास अन्तर नहीं आया। अब आप से मैं क्या झूठ बोलूँ, मेरा मन कहता है कि सिर्फ आप ही मेरी जान बचा सकते हैं इसलिये आप कुछ कीजिये।
लेकिन रुकिये! इलाज शुरु करने से पहले मैं कुछ बातें आपको अपने बारे में बता देता हूँ, चाय पीने का मेरा अटूट सिलसिला चलता है, तम्बाकू मुझसे छूटती नहीं है। अब आपसे भला मैं झूठ क्यों बोलूं, दलिया-खिचड़ी मैं खा नहीं सकता और शिकार (मांस) के बिना रह नहीं सकता, लेकिन फिर भी मेरे को लगता है कि आपके हाथों ही अब मेरी जान बचेगी, अब आप से मैं क्या झूठ बोलूँ।
सफेद गोली मुझे जमती नहीं है, लाल-पीली गोली पचती नही है, ग्लूकोज की शीशी चढाना मुझे भाता नहीं, पिसी हुई दवाई की पुड़िया से मुझे खास नफरत है, कैप्सूल तो मैं खा ही नहीं पाता और इन्जेक्शन लगवाना मेरे बस की बात नहीं। लेकिन जो कुछ करना है अब आपने ही करना है, क्योंकि मेरे को लगता है कि आपके हाथों ही अब मेरी जान बचेगी, अब आप से मैं क्या झूठ बोलूँ।
मैं खाता तो खूब हूँ, पर पचा नहीं पाता लेकिन क्या करूँ बिना खाये मुझसे रहा नहीं जाता, मेरी सांस ऊपर नीचे चलती है, और मुझे ज्यादा ठण्डा-गरम सहन नहीं होता, मुझे पता है कि मीठी दवाई तुमने मुझे देनी नहीं है और कड़वी दवा हुई तो मैने पीनी ही नही है। अब आपसे भला मैं क्यों झूठ बोलूं? आपके हाथों ही मेरी जान बचेगी, अब जो कुछ करना है आपने ही करना है.
नाती-नातिनियां, माया-ममता, चारों और फैली हुई मेरी धन-सम्पत्ति, खेत-मकान, गाय-भैंस, रुपये-पैसे मेरे सारे यहीं छूटने वाले हैं मैं आपके सामने बोलना तो नहीं चाहता था, लेकिन मैं अब अपने दिल का असली दर्द आपको बता ही देता हूँ, अब आपसे भला मैं क्यों झूठ बोलूं? मेरा दिल कहता है कि अब आपके हाथों ही मेरी जान बचेगी, अब जो कुछ करना है आपने ही करना है।
गीत
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
कुछ ना कुछ त कर जतन, तेरे हाथ छ बचणैं मन
कुछ ना कुछ त कर जतन, तेरे हाथ छ बचणैं मन
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
बैध धामि हारि गैनि, खीसा बटुवा झाडि गैनि, बैध धामि हारि गैनि, खीसा बटुवा झाडि गैनि
मैन मारि खाड़ु कचैरि, खबेस पूजि देवता नचै
हरक फरक कुछ नि पड़ि, हरक फरक कुछ नि पड़ि – एक जूगु तक नि छड़ि
झूट त्वै में किले ब्वन,तेरे हाथ छ बचणैं मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
तब करि इलाज मेरु समझि ले मिजाज मेरू, तब करि इलाज मेरु समझि ले मिजाज मेरू
चा कु ढब्ज टुटदु नि, तंबाकु मैथे छुटदु नि
दलिया खिचडि खै नि सकदु, दलिया खिचडि खै नि सकदु – शिकरि बिना रै नि सकदु
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचणैं मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
सफेद गोळि खपदि नी, लाल पिंगळि पचदि नी, सफेद गोळि खपदि नी, लाल पिंगळि पचदि नी
ग्लुकोज शीशि चड़दि नी , पिसी पुड़िया लड़दि नी
कैप्पसूल खै नि सकदु, कैप्पसूल खै नि सकदु – इंजक्शन मैं सै नि सकदु
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचणैं मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
खान्दु छौं पचै नि सक्दुं, बिना खाया मि रै नि सक्दुं, खान्दु छौं पचै नि सक्दुं, बिना खाया मि रै नि सक्दुं
उन्द, उब्ब बगत-बगत, गरम-ठण्ड मैं नि खब्द
मिठि दवै त्विल दैणि नी, मिठि दवै त्विल दैणि नी- कड़ि दवै मिल पैणि नि
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचणैं मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
नाती-नातिना माया ममता, जर जजैता फैलि संगदा,नाती-नातिना माया ममता, जर जजैता फैलि संगदा
कूड़ि-पुंगड़ि गौरु भैंसा, यख्खि छुट्दा रुप्या-पैसा
मन को भैम त्वै बतांदु, मन को भैम त्वै बतांदु- डाग्टर मैं बोल नि चांदु
झूट त्वै में किले ब्वन, तेरे हाथ छ बचणैं मन,
जै कुछ कन आब तिने कन, तिने कन, तिने कन
परसि बटि लगातार, बारि-बारि कू बुखार, चड़्यू च रे डाग्टार, मोर्दु छौं उतार-उतार
मोर्दु छो उतार-उतार, मोर्दु छो उतार-उतार, मोर्दु छो उतार-उतार


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