न दोड़sss - न दोड़ तै उन्दरी का बाटा


न दोड़sss - न दोड़ तै उन्दरी का बाटा
उन्दारीयु का बाटाssssss

उन्दरी कु सुख द्वि -चार घड़ी को 
उकळी को दुःख सदनी को सुख लाटाsssss

सौन्गु (आसन ) चितेंद अर दोडे भी जांद
पर उन्दरी को बाटा उन्द जांद मनखी 
खैरी त आन्द पर उत्याडू (ठोकर) नि लगदु 
उबू (उपर) उठ्द मनखी उकाल चडी की 

न दोड़sss - न दोड़ तै उन्दरी का बाटा
उन्दारीयु का बाटाssssss

ऍच गोंउ मुख मा ज्वा गंगा पवित्र 
उन्दरियो मा दनकीक कोजाल ह्वे गे 

गदनीयू मा मिलगे जो हियूं उन्द बौगीssss
जो रेगे हिमालय म वी चमकणुच आsssss

न दोड़sss - न दोड़ तै उन्दरी का बाटा
उन्दारीयु का बाटाssssss

बरखा बातोणियो मा भी उन्द नी रडनी जू 
तुक पहुची गनी खैरी खै-खै की 
जोल नी बोटी धरती माँ पर अंग्वाल 
उन्द बौगी गनी अपणी खुशीयून

न दोड़sss - न दोड़ तै उन्दरी का बाटा
उन्दारीयु का बाटाssssss
Photo: Shayari गढवाली लोकगीत कुमाँऊनी लोकगीत कविता कोश हिन्दी कविताएँ

न दोड़sss - न दोड़ तै उन्दरी का बाटा
उन्दारीयु का बाटाssssss
 
उन्दरी कु सुख द्वि -चार घड़ी को 
उकळी को दुःख सदनी को सुख लाटाsssss

सौन्गु (आसन ) चितेंद अर दोडे भी जांद
पर उन्दरी को बाटा उन्द जांद मनखी 
खैरी त आन्द पर उत्याडू (ठोकर) नि लगदु 
उबू (उपर) उठ्द मनखी उकाल चडी की 

न दोड़sss - न दोड़ तै उन्दरी का बाटा
उन्दारीयु का बाटाssssss

ऍच गोंउ मुख मा ज्वा गंगा पवित्र 
उन्दरियो मा दनकीक कोजाल ह्वे गे 

गदनीयू मा मिलगे जो हियूं उन्द बौगीssss
जो रेगे हिमालय म वी चमकणुच आsssss

न दोड़sss - न दोड़ तै उन्दरी का बाटा
उन्दारीयु का बाटाssssss

बरखा बातोणियो मा भी उन्द नी रडनी जू 
तुक पहुची गनी खैरी खै-खै की 
जोल नी बोटी धरती माँ पर अंग्वाल 
उन्द बौगी गनी अपणी खुशीयून

न दोड़sss - न दोड़ तै उन्दरी का बाटा
उन्दारीयु का बाटाssssss

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