ओ ए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे


ओ ए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे





ओ ए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे





धार मां कु गेणुं पार देख ऐ गे



….गौरु चली गेनी तू याखुली रे गे…

ओ ए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे-



ओए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे..

धार मा कु गेणु पार देख ऐ गे, 



गौरु चली गेनी तू याखुली रे गे.

ओए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे-



ओए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे …

जागि जा रे ग्यैल्या- मि ना छोड़ी जै,



 जागि जा रे ग्यैल्या- मि ना छोड़ी जै…

सेरा बोण हेरी गौरु नि मिलीनि, 



हाथ खुट्युं म्यारा कांडा बैठी गे नि..

सेरा बोण हेरी गौरु नि मिलीनि,



 हाथ खुट्युं म्यारा कांडा बैठी गे नि..

कख जू खुज्योलू रात पोड़ी गे, 



जागी जा रे ग्येल्या- मि ना छोड़ी जै…

ओ ए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे



-ओए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे..

दगड़ा का छोरो न गोरु चरेनी,



 तिन डाल्यूं मां भमोरा बुखैनी..

दगड़ा का छोरो न गोरु चरेनी,



 तिन डाल्यूं मां भमोरा बुखैनी..

गोरु नि देखि नि छेलु बैठीं रे,



 ओए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे…

जागी जा रे ग्येल्या- मि ना छोड़ी जै, 



जागी जा रे ग्येल्या- मि ना छोड़ी जै…

गौरु नि मिलला मिन घोर नी आंण, 



सेसुरियों तै मुख कनु के दिखाण..

गौरु नि मिलला मिन घोर नी आंण,



 सेसुरियों तै मुख कनु के दिखाण..

जा तू जा रे ग्येल्या मी तैं छोड़ी दे,



 लछि मोरी ग्याई डेरा बोली दे.. .

ओ ए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे-



ओए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे…

ना रो लछि त्यारा गौरु चलि गे नी,



 ग्वैरू छोरों न डेरा हके ऐ नी..

ना रो लछि त्यारा गौरु चलि गे नी,



 ग्वैरू छोरों न डेरा हके ऐ नी..

तू त खेलूँ मा मौरन बैठी गे



,ओए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे…

जागी जा रे ग्येल्या- मि ना छोड़ी जै.
ओ ए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे…
जागी जा रे ग्येल्या- मि ना छोड़ी जै.
ओ ए लछि घोर रुमुक पोड़ि गे…

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हे मेरी आंख्यूं का रतन बाला स्ये जादी, बाला स्ये जादी

लायुं छो भाग छांटी की देयुं छो वेकु अन्जोल्युन न

जय बद्री केदारनाथ गंगोत्री जय जय जमुनोत्री जय जय