चल तू मेरा ढांगा रे बैदे जरा द्वि फांगा रे


चल तू मेरा ढांगा रे

    चल तू मेरा ढांगा रे
    बैदे जरा द्वि फांगा रे

    तेरी गुसैण आणि च
    त्वेकू पींडू ल्याणि च
    तेरु मेरु ख्याल रखद
    व त मेरी स्याणि च

    त्वी छै मेरु धन सारु
    रोजगार त्वी छै म्यारू
    तभी आण रे दवे दारु
    तबि त हूण रे गुजारु

    काम काज कु बगत
    फिर बौडी की ऐगे रे
    सारी पुन्गिद्यों मा हे
    बै - बूते शुरू ह्वेगे रे

    मी हल्या तू ब्वल्द
    बांजा करि दे चल्द
    अनाज हमन उगान
    सरया दुनिया ब्वल्द

    पुन्गिडी छं ऊँची नीचि
    ढुंगी देखि की तू खींचि
    नाज उगी जालु जब
    फिर दयोंला वै सींचि

    अनाज मेरु बाकी तेरु
    हारू भारू हे घास सैरु
    गैल्या सूण टक्क तू
    सदनी कु साथ तेरु मेरु

    चल तू मेरा ढांगा रे
    बैदे जरा द्वि फांगा रे

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हे मेरी आंख्यूं का रतन बाला स्ये जादी, बाला स्ये जादी

लायुं छो भाग छांटी की देयुं छो वेकु अन्जोल्युन न

जय बद्री केदारनाथ गंगोत्री जय जय जमुनोत्री जय जय