सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ..
ईखी ई प्रथ्वीम येही जनमा, देखि त छै च कख देखि होली
रूप सी बांद ज़्व बसीगे मन मा ,देखि त छै च कख देखि होली
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...
चोरी कखड़ी बिराणी सगवडी की सी ...छै व्
सवादी यनी की पैणा की पकोड़ी सी ....छै व्
कांडो का बोट मा हिसला गोंद सी ...
पिंडाला पात मा ओंस की बूंद सी .......
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...
दाना दीवाना की ब्याव की गाणी सी ... छै व्
रूडी यू का दिन मा छोया कु पाणी सी ...छै व्
बादलो बीच मा जुन्यी झलक सी
दाता का मुख मा मंगत्या की टक सी
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...
हियुन्द का दिनों मा घाम निवाती सी छै व्
बाला की मन की स्याणी दूध भाती सी छै व्
मर्चायाणा खाणा मा खीर जन मीठी सी
दूर परदेश मा घर की चिठ्ठी सी
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...
ब्यो -बरातियु मा स्याली यू की गाली सी छै व्
नाती -नातेणों पर दादी अंग्वाल सी छै व्
भूखा का अगड़ी भोजन थाली सी .
चोका का तिरवली नारंगी डाली सी
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...
सोना की गोला मा मोती यो की माला सी... छै व्
पाणी की तोली मा जून ओंज्वाल सी ....छै व्
ओंसी की घन -घोर रात मुछियाल सी
अँधेरा मन मा आस उजयाली सी
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू
रूप सी बांद ज़्व बसीगे मन मा ,देखि त छै च कख देखि होली
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...
चोरी कखड़ी बिराणी सगवडी की सी ...छै व्
सवादी यनी की पैणा की पकोड़ी सी ....छै व्
कांडो का बोट मा हिसला गोंद सी ...
पिंडाला पात मा ओंस की बूंद सी .......
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...
दाना दीवाना की ब्याव की गाणी सी ... छै व्
रूडी यू का दिन मा छोया कु पाणी सी ...छै व्
बादलो बीच मा जुन्यी झलक सी
दाता का मुख मा मंगत्या की टक सी
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...
हियुन्द का दिनों मा घाम निवाती सी छै व्
बाला की मन की स्याणी दूध भाती सी छै व्
मर्चायाणा खाणा मा खीर जन मीठी सी
दूर परदेश मा घर की चिठ्ठी सी
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...
ब्यो -बरातियु मा स्याली यू की गाली सी छै व्
नाती -नातेणों पर दादी अंग्वाल सी छै व्
भूखा का अगड़ी भोजन थाली सी .
चोका का तिरवली नारंगी डाली सी
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू ...
सोना की गोला मा मोती यो की माला सी... छै व्
पाणी की तोली मा जून ओंज्वाल सी ....छै व्
ओंसी की घन -घोर रात मुछियाल सी
अँधेरा मन मा आस उजयाली सी
कख देखि होली
सुप्नियु रेहोलू की बैहम रै वोलू
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