धरती हमरा गढ़वाल की,धरती हमरा गढ़वाल की, कथगा रौंतेली स्वाणी चा,कथगा रौंतेली स्वाणी चा
धरती हमरा गढ़वाल की,धरती हमरा गढ़वाल की,
कथगा रौंतेली स्वाणी चा,कथगा रौंतेली स्वाणी चा
भावार्थ : हमारे गढ़वाल की धरती कितनी सुन्दर व प्यारी है। सचमुच बहुत ही सुन्दर है यह भूमि। यहाँ पांच बदरीनाथ*, पांच केदार* और पंच प्रयाग* हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि पांचों पांडव भी यहां आये थे। यहाँ पर कई प्रसिद्ध कुंड, प्रसिद्ध ताल और प्रसिद्ध मठ हैं। यहाँ नीचे सैकड़ों घाटियां और ऊपर की ओर फूलों की घाटी है। गंगा जमुना जैसी पवित्र नदियां, जो सभी की भूख-प्यास मिटाती हैं, वह भी इसी धरती से निकलती हैं। यह गढ़वाल की धरती कितनी प्यारी और सुन्दर है। यहाँ कितने छोटे-बड़े पहाड़ व पहाडियां है जिनमें नाना प्रकार की जड़ी बूटियां पैदा होती हैं, यह वास्तव में देवताओं की धरती है जिसमें मनुष्य बसते हैं, अनेक तरह के वृक्ष जैसे देवदार, बुरांश,बांज,चीड़, पैंया यहाँ हैं, लगता है यह सब देवताओं ने ही लगायें हैं और हम मनुष्य उन्हें पाल रहे हैं। यहाँ देवता और मनुष्यों के बीच का अंतर एक कांसे की थाली व ढोलक की थाप से मिटा दिया जाता है**। यहाँ की नारियां पतिव्रता हैं और अनेक कार्यों में प्रवीण हैं, यहाँ तीलू रौतेली जैसी वीरांगना और रामी बौराणी जैसी महान पतिव्रता नारी हैं। यहाँ भाडों द्वारा बजाये गये पहाड़ी वाद्यों को सुनो, देखो यह वीरों का गढ़ है। आओ यहाँ नरसिंह व नागराजा देवताओं का नाच व पांडवों का युद्ध कौशल देखो। देखो हमारा गढ़वाल की धरती कितनी सुन्दर व प्यारी है।
गीत के बोल देवनागिरी में
धरती हमरा गढ़वाल की,धरती हमरा गढ़वाल की,
कथगा रौंतेली स्वाणी चा,कथगा रौंतेली स्वाणी चा
धरती हमरा गढ़वाल की,धरती हमरा गढ़वाल की (कोरस)
कथगा रौंतेली स्वाणी चा,कथगा रौंतेली स्वाणी चा (कोरस)
हो……कथगा रौंतेली स्वाणी चा, हो …
हो….कथगा रौंतेली स्वाणी चा, हा …कथगा रौंतेली स्वाणी चा (कोरस)
पांच बदरी, पांच केदार, पांच प्रयाग एखी छन, पांच प्रयाग एखी छन
पांच प्रयाग एखी छन,पांच प्रयाग एखी छन (कोरस)
पांच पंडोव ऐनी एखी, भाग हमरा धन धन, भाग हमरा धन धन
भाग हमरा धन धन्, भाग हमरा धन धन् (कोरस)
कुण्ड छीन, इक ताल छीन, मठ यखे महान छीन
मठ यखे महान छीन,मठ यखे महान छीन
ताल सहस्त्र घाटी, फुलु की असमान छीन
हो……गंगा जमुना, एखी बटी सभु की, भूख तीस बुझाणी चा
हो… कथगा रौंतेली स्वाणी चा
धरती हमरा गढ़वाल की,कथगा रौंतेली स्वाणी चा, (कोरस)
हो….कथगा रौंतेली स्वाणी चा, हा …कथगा रौंतेली स्वाणी चा (कोरस)
डांडी कांठीयों का देखा, लैन्जा लग्यान,लैंजा लग्यान
लैंजा लग्यान, लैंजा लग्यान (कोरस)
देवतों की धरती मा, मनखी बस्यान, मनखी बस्यान
मनखी बस्यान, मनखी बस्यान (कोरस)
देवदार बुरांश बाँझा, कुलीन पय्या डाली
देब्तों रोपी, मन्ख्युन पाली
हो ……..भेद देव -देवता मनखी को डोंरु – थाली मिटाणी चा
धरती हमरा गढ़वाल की,कथगा रौंतेली स्वाणी चा, (कोरस)
हो….कथगा रौंतेली स्वाणी चा, हा …कथगा रौंतेली स्वाणी चा (कोरस)
पति व्रता नारी एख, बांध कीसाण छीन, बांध कीसाण छीन
बांध कीसाण छीन, बांध कीसाण छीन (कोरस)
तीलू रौतेली एख, रामी बौराण छीन, रामी बौराण छीन
रामी बौराण छीन, रामी बौराण छीन (कोरस)
भांडू का पवड़ा सुणा, बीरू का देखा गढ़
बीरू का देखा गढ़,बीरू का देखा गढ़
नरसिंह,नागराजा, पंडों का देखा रण
हो… तुम ते लाकुड, दमो, ढोलकी.. धै लगे की, भटियाणी च, कथगा रौंतेली स्वाणी चा
धरती हमरा गढ़वाल की,धरती हमरा गढ़वाल की
कथगा रौंतेली स्वाणी चा,कथगा रौंतेली स्वाणी चा (कोरस)
हो……कथगा रौंतेली स्वाणी चा, हो …
हो….कथगा रौंतेली स्वाणी चा, हा …कथगा रौंतेली स्वाणी चा (कोरस)
Thando re thando ka hindi anuvad likhe
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