जागर


जागर

जय चक्रबंदनी जोग माया खप्परभरनी
तू ही चामुंडा शैलपुत्री नंदा इंगला पिंगला दैत्याधाविनी
महानारी चंद्रघंटिका महाकालरात्रि कालीमाता

जब देवतों को अत्यचार हुए तब त्येर माता को जन्म हुए
राज राजेश्वरी गोरजा भवानी चमन्कोट चामुंडा
श्री शक्लेश्वर कार्तिकेय श्री देवी दैन्य संघारे
श्री गणेशाय नमः जाए नमः उद्हारिणी पिंगला महेश्वरी
महेश्वरी दैत्यधाऊ गेमन मिचाऊ तब त्वे देवी कै जाप सुनाऊ

जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला
जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला
जय बोला तेरी जय बोला
जय बोला तेरी जय बोला
बल गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला
हाँ गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला

जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला

बेली बधान माता बल तेरा मैती होला
बेली बधान माता बल तेरा मैती होला
मल बधान जालू माँ नंदा जी को डोला
शिव कैलाश जालू माँ नंदा जी का डोला

सिद्धपीठ नौटी से चले राज जात
त्येर मैतार नौटी से चले राज जात
नन्द केसरी में हौला गढ़ कुमो का साथ
नन्द केसरी में हौला गढ़ कुमो का साथ

जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला

११ वर्षा पुजा हूनी वैदिनी का ताल
११ वर्षा पुजा हूनी वैदिनी का ताल
देख तेरा हाथून हवे राज्ञसू को काल
देख तेरा हाथून हवे राज्ञसू को काल

बारहू साल में त्येर चौसीघा हवे खांडू
बारहू साल में त्येर चौसीघा हवे खांडू
बान गो माँ भाई त्येरु देवता रे दुलातु
बान गो माँ भाई त्येरु देवता रे दुलातु

जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला

रजा कनकपाल न चंदपुरान बती
रजा कनकपाल न चंदपुरान बती
कन्नोज का राजा छाणी दैज देन भेटी
कन्नोज का राजा छाणी दैज देन भेटी

१ बार ऊ भी बल माला खून ग्येन
१ बार ऊ भी बल माला खून ग्येन
अरे येन भग्यान हवेन नि घर बोडी एइन
अरे येन भग्यान हवेन नि घर बोडी एइन

जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला

अध बाटा मलानी कुपुत्र हून ल्हेगे
अध बाटा मलानी कुपुत्र हून ल्हेगे
नर संहार ह्वेगे माता कुचील हवे गे
नर संहार ह्वेगे माता कुचील हवे गे

तब से नार का कालू न बनी रूप कुंद
तब से नार का कालू न बनी रूप कुंद
माँ कु श्राप ल्हेगे बची अस्थि और मुंड
माँ कु श्राप ल्हेगे बची अस्थि और मुंड

जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला

भद्रेस्वर निस्मा चा कडू रो को धाम
भद्रेस्वर निस्मा चा कडू रो को धाम
६ मेहना बवून ६ दसौली का नाम
६ मेहना बवून ६ दसौली का नाम

पडो हो नंदा कु बल पैलू कुल सारी माँ
पडो हो नंदा कु बल पैलू कुल सारी माँ
जख बिराज मान चा भगवती काली माँ
जख बिराज मान चा भगवती काली माँ

जय हो नंदा देवी तेरी जय बोला
गढ़ कुमो की माता मेरी जय बोला

रूप कुंद पित्रू तर्पण दिए जांदु
रूप कुंद पित्रू तर्पण दिए जांदु
होम कुंद खाडू चौसिंघ पूजी जांदु
होम कुंद खाडू चौसिंघ पूजी जांदु

माता ९ दुर्गा की पुनि आरती पूजा देना
कैलाश की और चौसिंघ पाठी देना 



जागर का मतलब होता है जगाना । जागर देवताओं के गीत है जैसे- विनसर, नागर्जा, नरसिंह, भैरों, ऐड़ी, आछरी, जीतू, लाटू, भगवती, चण्डिका, गालू देवता पाण्डवों, कत्येर, गोलू, हरज्यू, सैम, नृसिंह, भोलनाथ, गंगनाथ आदी। इष्ट देवताओँ को स्थानीय भाषा मेँ 'ग्राम देवता' कहा जाता है। ग्राम देवता का अर्थ गांव का देवता है. पहाड़ी ग्रामीण अंचलों में आज भी लोग दुःख, बीमारी आदि की स्थिति में अपने घर अथवा मन्दिर घर मेँ देवताओँ को जगाने हेतु जागर लगवाकर अपने इष्ट से मनौती मांगते है। घर के आंगन में घूनी जलाई जाती है। जागर "बाइसी" तथा "चौरास" दो प्रकार के होते हैँ. बाइसी बाईस दिनोँ तक जागर किया जाता है। चौरास मुख्यतया चौधह दिन तक चलता है. जागर का आयोजन सामान्यतया रात्रि में ही होता है। जागर मेँ "जगरीया" मुख्य पात्र होता है । जगरीया हुड्का (हुडुक), ढोल तथा दमाउ बजाते हुए कहानी लगाता है । जगरीया के साथ मेँ दो तीन जने और रहते हैँ. जो जगरीया के साथ जागर गाते हैँ और कांसे की थाली को नगडे की तरह बजाते हैँ । गांव में ही देवता का प्रतीक कोई आदमी होता है, उसे डंगरिया कहा जाता है। डंगरिये के शरीर में कम्पन होता है। वह जो भी बोलता है, उसे देवता का बोल माना जाता है। देवताओं की आत्मा के किसी पवित्र शरीर के माध्यम से कुछ समय के लिए अवतरित होने की इसी प्रक्रिया को कहा जाता है- "जागर"। पहाड़ी ग्रामीण अंचलों के गांवों में अभी भी काफी लोग इस परम्परा पर विश्वास करते हैं।

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