एक चिठ्ठी
गड्वाला की भुलाह उत्ताराखंड थै 

एक चिठ्ठी म्यरु
भुल्ह उत्तराखंड बाण
म्यार आशीष छन
तेको फल फुल बाण
तू सदाणी रै महँन
एक चिठ्ठी म्यरु
भुल्ह उत्तराखंड बाण.....

हर्ष का आशों छान
त्यार बाटों आन छान
उतरप्रदेश तू एक प्रदेश
उतरांचल तेरु नाम छई
फिर उत्तराखंड कहलाई
एक चिठ्ठी म्यरु
भुल्ह उत्तराखंड बाण.....

दस बरश हो गये थै
गैर सैण अब तक
राजधानी ना बण पाई
क्रांती करुक विचार काखक
देहरादून मा रच-बस गयी
पहाड़ को प्रगती
टका नै धुप्याली
एक चिठ्ठी म्यरु
भुल्ह उत्तराखंड बाण.....

भुला त्यारू राज्य
कैई नेता आईणी गैणी
राज्य का पैसा खैणी
विकास का नाम पर
डम्बर रास्ता नलकूप लगे गैनी
रास्तों का हल च बेहाल
नल कूप नीर्च बूंद
एक चिठ्ठी म्यरु
भुल्ह उत्तराखंड बाण.....

टेहरी डुबी त्यार तीर
बजली को अन्दु बील
लो शेडींग मा मयार मुल्क
भी च अब तक अंधारो
क्या बुलाल लोक
अब भी तो सोच
एक चिठ्ठी म्यरु
भुल्ह उत्तराखंड बाण.....

म्यार राज्य मा
स्त्री आन्दोलन चलयी
दारू बाट बंद करई
त्यार राज मा है भुला
दारू थै लायसेन्स मील गयी
जवान बुडयां तुंड हुग्याई
मेरी बुरानी देखती रहगयी
एक चिठ्ठी म्यरु
भुल्ह उत्तराखंड बाण.....

म्यार राज मा भूल
सब गरीब छ सुखी छ
त्यार राज मा भुला
गरीब और गरीब हुग्यी
प्रेम बदल अब जलाण हुग्यी
गँवा की यां दुद्र्दाश हुग्यी
दार पुन्गाडा सरया बंजा हुग्यी
नानो जवाण होकी
प्रदेश मा बस्गायी
एक चिठ्ठी म्यरु
भुल्ह उत्तराखंड बाण.....

सदीयाँ होगई हम आजाद होकी
मेरी बोली बोली रही
पर भाषा णी हो पाई
वीर सपूत जनम याखा
उन का समानन णी हो पाई
योजना खूब बाणी पर साकार णी हो पाई
मयारू गद देश उत्तरखंड होगयी
पर म्यार लोगों उधार णी हो पाई
एक चिठ्ठी म्यरु
भुल्ह उत्तराखंड बाण.....

मी थै माफा कर
कुछ चुक होगयी तर
बड भुला बोलीक माफा कर
उपरी बात को मनखयुं ना लगा
जस चलणु तो भी चला
बाकी सब ठीक छ
घर आने जिद न कर
खूब फल फुल
बड भैजी थै ना भोला
एक चिठ्ठी म्यरु
भुल्ह उत्तराखंड बाण.....

त्युरु बड भैजी

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हे मेरी आंख्यूं का रतन बाला स्ये जादी, बाला स्ये जादी

लायुं छो भाग छांटी की देयुं छो वेकु अन्जोल्युन न

जय बद्री केदारनाथ गंगोत्री जय जय जमुनोत्री जय जय