रूठी पकी जवादी चुना की , हरी बोला जी

रूठी पकी जवादी चुना की , हरी बोला जी 

हरी बोला जी 
हरी बोला जी 
रूठी पकी जवादी चुना की , हरी बोला जी 
हरी बोला जी, हरी बोला जी

चैत का महना , चोरी न कियां , चोरी की चीज न छुइयाँ -2
प्यारु छ महना , बैसाख बिना , बीडी तम्बाखू धुवां 
कालू भैसू , कलेजू बैथालू , खांसी पडली भ्वेइआन 
हरी बोला जी, हरी बोला जी

जेठ जेथैयाँ , दें छ धनदो , जब बांट बतियाँ -2
महना अशाद , बात बिगाड़ , जी तेरी शादी न हियाँ 
हरी बोला जी, हरी बोला जी

सौंण भी सौंण झादिकी लागौना , सुधि नि सेय्नु भ्वियाँ -2
भाग भदैयां , काग बिरिया , भाई भैयुं मा चुईयाँ 
हरी बोला जी, हरी बोला जी

अशौज असुज , तू रेहंदु बेबूझ , दिन हरी भजिया -2
प्यारी छ रात , कार्तिक मॉस , कलि कमली ओढ़ना बिचैयाँ 
हरी बोला जी, हरी बोला जी

आलू मंगसीर , रहनु धन्ग्सीर , उध्मतु न हियाँ -2
पूष छ प्यारु , पीयान ना दारु , दारु दरोल्या ना हियाँ 
हरी बोला जी, हरी बोला जी

मागु रे मागु , रांड को लागु , धर धरून न जियान -2
देख्की की बहनी , महना फागुनी , धान कमानी नि लानी लगनी नि चुइयाँ 
हरी बोला जी, हरी बोला जीji
दा बोला 
हरी बोला जी, हरी बोला जी

हरी बोला जी, हरी बोला जी
हरी बोला जी, हरी बोला जी

Photo: रूठी  पकी  जवादी  चुना  की , हरी  बोला   जी 
हरी  बोला   जी 
हरी  बोला   जी 
रूठी पकी  जवादी  चुना  की , हरी  बोला  जी 
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

चैत  का महना , चोरी  न  कियां , चोरी  की  चीज  न  छुइयाँ   -2
प्यारु  छ  महना ,  बैसाख  बिना , बीडी  तम्बाखू  धुवां 
कालू  भैसू , कलेजू  बैथालू , खांसी  पडली  भ्वेइआन 
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

जेठ जेथैयाँ , दें  छ  धनदो , जब  बांट  बतियाँ  -2
महना अशाद , बात  बिगाड़ , जी  तेरी शादी   न  हियाँ 
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

सौंण भी  सौंण  झादिकी  लागौना , सुधि  नि  सेय्नु  भ्वियाँ  -2
भाग  भदैयां , काग  बिरिया , भाई  भैयुं  मा चुईयाँ 
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

अशौज  असुज , तू  रेहंदु  बेबूझ , दिन हरी भजिया  -2
प्यारी  छ  रात , कार्तिक मॉस , कलि  कमली  ओढ़ना  बिचैयाँ 
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

आलू  मंगसीर , रहनु   धन्ग्सीर , उध्मतु  न  हियाँ  -2
पूष  छ  प्यारु , पीयान  ना  दारु , दारु  दरोल्या  ना  हियाँ 
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

मागु  रे  मागु , रांड  को  लागु , धर  धरून  न  जियान  -2
देख्की की  बहनी , महना  फागुनी , धान  कमानी  नि  लानी  लगनी  नि चुइयाँ 
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जीji
दा बोला 
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी
 
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी
हरी  बोला   जी, हरी  बोला   जी

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हे मेरी आंख्यूं का रतन बाला स्ये जादी, बाला स्ये जादी

लायुं छो भाग छांटी की देयुं छो वेकु अन्जोल्युन न

जय बद्री केदारनाथ गंगोत्री जय जय जमुनोत्री जय जय