तू छे बांद जोनसार की ....



सतपुली, कोटद्वार , न रामनगर बाज़ार ...
सतपुली, कोटद्वार , न रामनगर बाज़ार ...
न देहरादून, चमोली, टेहरी गंगा पार की ..
तू छे बांद जोनसार की ...जोंसार की ..
भली बांद जोनसार की ..जोंसार की ..

नारंगी सोली जनि रसदार छे तू
फ्योली बुरांसी जनि रंगदार छे आहा ..
नारंगी सोली जनि रसदार छे तू
फ्योली बुरांसी जनि रंगदार छे आहा ..
मीठू के बुलाणु.. खित हैंस जानू ..
जन तीर तलवार दठुले की धार सी ..
तू छे बांद जोनसार की ..जोनसार की ...
**तू छे बांद जोनसार की ..जोनसार की ...
**भली बांद जोनसार की ..जोनसार की ..

देखि त्वे थे कभी ज्यू नि भारेन्दा..
तवे थे देख्या बगेर भी नि रएंदा ..
हथुने सी फ्योली नयी नयी सी ब्योली ...
भरी जोत्सार बसंत बहार सी ..
तू छे बांद जोनसार की ....



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